Modi And Trump Meeting: टैरिफ, व्यापार, और रक्षा सहयोग के पांच महत्वपूर्ण निष्कर्ष

1. टैरिफ की चुनौती से बचा क्या भारत?

1.1 पारस्परिक टैरिफ का खतरा

मोदी की यात्रा के दौरान डॉनल्ड ट्रंप ने अमेरिका के व्यापारिक भागीदारों पर पारस्परिक टैरिफ (reciprocal tariffs) लगाने का आदेश दिया। इसका मतलब है कि अमेरिका उन देशों पर उतने ही टैरिफ लगाएगा, जितने वे अमेरिकी उत्पादों पर लगाते हैं।

भारत का अमेरिका के साथ व्यापार शेष (trade surplus) है, और इसे टैरिफ झटके से बचने के लिए अपने औसत टैरिफ दर को 13% से घटाकर 11% कर दिया है।

1.2 विशेषज्ञों का विश्लेषण

विश्लेषकों का मानना है कि भारत अभी तक टैरिफ झटके से बचा है। अजय श्रीवास्तव, ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इंस्टीट्यूट (GTRI) के संस्थापक, कहते हैं कि अमेरिका के 75% निर्यात पर भारत में केवल 5% से कम टैरिफ लगता है। इसलिए, भारत को टैरिफ झटके का खतरा नहीं है।

हालांकि, विशेषज्ञ अभिजीत दास का कहना है कि टैरिफ के अलावा अन्य कारक जैसे GST, नॉन-टैरिफ बैरियर्स, और व्यापार प्रतिबंध भी महत्वपूर्ण हैं। अमेरिका भारत के सरकारी खरीदारी बाजार तक पहुंच की मांग कर सकता है, जो “मेक इन इंडिया” पहल के लिए चुनौती बन सकता है।

2. व्यापार को $500 बिलियन तक पहुंचाने का लक्ष्य

2.1 नई व्यापार योजना

दोनों देशों ने 2030 तक अपने द्विपक्षीय व्यापार को $500 बिलियन तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। वर्तमान में, भारत और अमेरिका के बीच व्यापार $190 बिलियन है।

2.2 विश्लेषकों का मत

विश्लेषकों का मानना है कि यह लक्ष्य प्राप्त करना आसान नहीं होगा, लेकिन कुछ क्षेत्रों जैसे तेल और गैस, रक्षा, और तकनीकी उत्पादों में व्यापार बढ़ाने से यह संभव हो सकता है।

2.3 अमेरिका का तेल और गैस आपूर्ति का वादा

ट्रंप ने घोषणा की कि अमेरिका भारत का नंबर वन तेल और गैस आपूर्तिकर्ता बनने की उम्मीद करता है।

3. बहु-अरब डॉलर के अमेरिकी रक्षा सौदे

3.1 F-35 लड़ाकू जेट्स का सौदा

भारत और अमेरिका के बीच रक्षा व्यापार $20 बिलियन तक पहुंच गया है, जिससे अमेरिका भारत का तीसरा सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता बन गया है। ट्रंप ने घोषणा की कि अमेरिका भारत को F-35 स्टील्थ लड़ाकू जेट्स भी बेचेगा।

3.2 चुनौतियां

हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि इस सौदे को पूरा करना आसान नहीं होगा। अमेरिकी हथियारों के साथ आने वाली संवेदनशील तकनीकों के हस्तांतरण में बाधाएं हैं।

3.3 रूस से अमेरिका की ओर

रूस अभी भी भारत का सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता है, लेकिन उसका हिस्सा 62% से घटकर 34% हो गया है। भारत अब अमेरिका की ओर झुक रहा है।

4. मोदी और मस्क की मुलाकात

4.1 AI और तकनीकी चर्चाएं

मोदी ने एलन मस्क से मुलाकात की और AI और उभरती प्रौद्योगिकियों पर चर्चा की।

4.2 टेस्ला की भारत योजनाएं

हालांकि, टेस्ला के भारत में कारखाना स्थापित करने की योजनाएं अभी भी अनिश्चित हैं।

4.3 Starlink का विवाद

मस्क ने भारत में Starlink लॉन्च के लिए सीधे स्पेक्ट्रम आवंटन की मांग की है, जो भारतीय व्यवसायी मुकेश अंबानी के साथ टकराव का कारण बनी है।

5. मोदी का प्रेस कॉन्फ्रेंस – एक दुर्लभ कदम

5.1 प्रश्नों के जवाब

मोदी ने ट्रंप के साथ एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लिया और दो प्रश्नों के जवाब दिए। यह उनके लगभग 11 साल के प्रधानमंत्री पद पर रहने के दौरान केवल तीसरी बार है जब वे सीधे प्रश्नों के जवाब दे रहे हैं।

5.2 मुख्य चर्चाएं

उन्होंने अवैध प्रवासन और अदानी समूह पर अमेरिकी न्याय विभाग के भ्रष्टाचार आरोपों पर चर्चा की। मोदी ने कहा कि वे ट्रंप के साथ अदानी मामले पर चर्चा नहीं किए हैं।

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